PCOD के घरेलू इलाज एवं नुस्खा | PCOS कारण, लक्षण, योग विधि

pcos aur psod kya hai in hindi

इस लेख में हम आपको बतायेंगे Pcos/ Pcod के घरेलू उपचार और देसी नुस्खे।साथ ही आपको ये बताएँगे की इसमें क्या खाएं क्या न खाएं और किनबा तो का ख़ास ध्यान रखें।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (Pcos and Pcod) क्या है? : - आज की भागदौड़ ज़िन्दगी में इंसान अपनी लाइफ में इतना ज्यादा व्यस्त हो गया है की वह अपने ही शरीर के लिए समय न हींनि कालपा रहा है और जिसकी वजह से ना तो वो अपने शरीर का ध्यान रखता है ना अपनी सेहत के प्रतिजागरूक रहता है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं का जीवन बहुत भागदौड़भरा है क्योंकि इन्हे अपने घर और ऑफिस दोनों जगह काम करना पड़ता है।जिसकी वजह से नाही वे सही से खाती हैं, ना ही अच्छे से नींद सो पाती हैं और ना ही अपने हेल्थ का ख्याल रख पाती हैं। ऐसे में तनाव (Tension) बढ़ता जाता है और फिर बीमारिया हमारे शरीर में घर बना लेती है।

इन्ही बीमारियों में से एक बीमारी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (Pcos and Pcod) नाम की है यह एक ऐसा रोग है, जो आमतौर पर लड़कियों में हार्मोनल असंतुलन से होता है, Pcos/ Pcod में लड़कियों में मेल हार्मोन (Androgen) बढ़ने लगता है, ओवरी पर मल्टीप्ल सिस्ट बनने लगते है। एक से ज्यादा सिस्ट होने के कारण लड़कियों में पीरियड्स की समस्या अधिक बढ़ जाती है।

Pcos / Pcod एक ऐसी स्तिथि है जिसमे महिलाओ के सेक्स होर्मोनेस एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का स्तर बिगड़ जाता है। Pcod / Pcos की समस्या पहले ज्यादातर 30 से अधिक उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती थी मगर आजकल यह समस्या कम उम्र की लड़कियों में ज्यादा देखने को मिल रही है जिसका कारण यह है की वह इस भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही और बाहरी खान पान पर ज्यादा ध्यान देती है जिसके कारण उनको इस बीमारी का सामना करना पढ़ रहा है।

Pcos/ Pcod के कारण | पीसीओएस एवं पीसीओडी का घरेलू इलाज

pcos aur pcod ke karan in hindi

Pcos/ Pcod के कारण -

आश्चर्यजनक बात यह है की इस बीमारी का कारण आजतक पता नहीं चला है परंतु चिकित्सकों का मानना है कि इस समस्या का कारण महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, तनाव, मोटापा, बाहर का जंक फ़ूड का सेवन करने के कारण उत्पन्न होता हैं।
इसका एक और कारण जैनेटिकली भी होता है। ज्यादा मोटापा के कारण एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे ओवरी में एक से ज्यादा सिस्ट बनने लगते है और यह Pcod /Pcos का कारण बनता है। औसत अनुमान लगाया जाए तो हर दस में से एक महिला/ लड़की इसका शिकार हो रही हैं। जो महिलाएं अपना जीवन तनाव के साथ व्यतीत करती हैं और अपने खान पान में ध्यान नहीं देती उनमें पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने की अधिक संभावना होती है।

Pcos/ Pcod के अन्य कारण -

(क) अपने शर्म की वजह से रोग को छुपाना इस रोग का कारण हो सकता है।

(ख) मासिक धर्म का बिगड़ना भी इस रोग का कारण होता है।

(ग) इस व्यस्त जिन्दगी में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान न देना इस रोग का सबसे बड़ा कारण है।

(घ) अपने खान - पान पर यानि बहार का मसालेदार खाना खाना भी इस रोग का कारण बन सकता है।

(ड़) तेल युक्त खाना खाने के कारण वजन में वृद्धि होती है। जिसके कारण शरीर में मोटापा अपनी जगह बनता है

(च) हर समय मानसिक तनाव में रहना भी इस रोग का कारण बन सकता है।

पीसीओएस (pcos) बीमारी क्या है | पीसीओएस (pcos) के लक्षण

(क) पहला लक्षण वजन में वृद्धि होना- एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन की मात्रा बढ़ने के कारण वजन में वृद्धि होने लगती है और शरीर में मोटापा अपनी जगह बना लेता है यह लक्षण Pcos / Pcod में आम देखने को मिलते है।

(ख) दूसरा लक्षण ठीक समय पर मासिक धर्म का न होना- समय पर मासिक धर्म का न आना इस रोग का प्रमुख कारण है। जिसके कारण मासिक धर्म बहुत अधिक आते है और लम्बे दिनों तक चलते है।

(ग) तीसरा लक्षण शरीर और त्वचा पर बालों का आना- इस रोग में लड़कियों में मेल हार्मोन (Androgen) बढ़ने के कारण शरीर और त्वचा पर बाल अधिक आ जाते है जिसके कारण लड़कियों को इस रोग का सामना करना पड़ता है। 

(घ) चौथा लक्षण कमर में दर्द होना- समय पर मासिक धर्म का न आने पर जब मासिक धर्म आते है और लम्बे दिनों तक चलते है तो कमर में बहुत अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है जो की इस रोग का कारण हो सकता है।

(ड़) पांचवा लक्षण पेट में दर्द होना- मासिक धर्म में पेट में दर्द होना आम समस्या है मगर इस रोग के कारण महिलाओ में पेट दर्द की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है क्यूंकि हार्मोनल असंतुलन होने के कारण मासिक धर्म समय पर नहीं होते इस कारण यह शरीर में ज्यादा बदलाव करते है।

(च) छटा लक्षण चेहरे पर मुहांसों का होना- हार्मोनल असंतुलन व मेल हार्मोन (Androgen) बढ़ने के कारण चेहरे पर धीरे-धीरे मुहासे होने लगते है अगर ये लक्षण  ज्यादा दिखने लगे तो डॉक्टर के सलाह आवश्य लेनी चाहिए।

(छ) सातंवा लक्षण शरीर के जोड़ो पर कमजोरी महसूस होना- मासिक धर्म समय पर न आने के कारण शरीर पर मोटापा व अन्य बीमारी घर बनाने लगती है और धीरे-धीरे शरीर कमजोरी महसूस करने लगता है।

(ज) आठवां लक्षण ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होना- हार्मोनल असंतुलन होने और समय पर मासिक धर्म न आने के कारण बीमारिया शरीर पर घर बनाने लगती है ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का बढ़ना इस बीमारी के लक्षण है।

पीसीओएस (Pcos) / पीसीओडी (Pcod) में क्या खाना चाहिए इन हिंदी

अच्छा खाना और अच्छा स्वास्थ्य - प्रोटीन युक्त दाल, हरी सब्जियाँ, नट्स, विटामिन्स वाले भोज्य पदार्थ इन सभी के सेवन से हमारे शरीर में और स्वास्थ्य में अच्छा प्रभाव पड़ता है।

इन सभी में पोषक तत्वों की मात्रा पायी जाती है। इनमें पानी की मात्रा पायी जाती है जो हमारे मोटापे को बढ़ने से रोकता है, और हमारे शरीर को एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है, हो सके तो खाना जितना सात्त्विक हो उतना फायदेमन्द होगा, क्योंकि सात्विक भोजन रसयुक्त, गुणयुक्त, पाच्य और शुद्ध  ताजा होता हे।

आजकल हम घर का खाना न खा के बजाय बाहरी खाना ज्यादा पसंद करते, और बाहरी खाने को अपनी एक आदत जैसे बना लेते है। बाहरी खाना मसालेदार, अधिक तेल युक्त, गुणहीन, चटपटा होता है, जिनसे हमारे शरीर में गलत विकार उत्पन्न होते है, जैसे क्रोध आना, मानसिक तनाव, पेट दर्द, वजन बढ़ना, शरीर ऊर्जाहीन रहना ये सब विकार उत्पन होते है और हमारा स्वास्थ्य हर समय शक्तिहीन रहता है। इसलिए बाहरी खानों को छोड़कर घर का ताजा और अच्छा खाना खाये और अच्छा स्वास्थ्य बनाये।

पीसीओएस (Pcos) / पीसीओडी (Pcod) के लिए योग से उपाय इन हिंदी

pcos aur pcod ke liye yog in hindi

योग हमारे जीवन को सरल और शरीर को शुद्ध बनाए रखता है। नियमित योग करने से इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। योग हमारे शरीर में ओषधि का कार्य करता है और हमारे शरीर को रोगो से मुक्त करने में सहायता प्रदान करता है।

ध्यान –
ध्यान हमारे मानसिक, शारीरिक तनावों को दूर करता है। ध्यान करने के लिए किसी भी सुखमय आसन, पद्मासन, सुखासन, सिद्धासन, वज्रासन इन आसनों में ध्यान लगाना जाता है। ध्यान हमें सन्ति वाले स्थान पे किसी भी सुखमय आसन में आँखे बंद करके करना चाहिए। ध्यान हमारे मन - मस्तिष्क में चल रहे गलत विकारों को दूर कर उन्हें शांत करता है। ध्यान मानसिक तनाव वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमन्द योग उपचार है।

प्राणायाम - अनुलोम - विलोम, भस्त्रिका, भ्रामंरी, कपाल - भाती, ये सब प्राणायाम करना चाहिए। इन प्राणायाम को हमें प्रातःकाल में बिना खाए करना चाहिए जिससे हमारा मन और मस्तिष्क दोनों शांत रहेंगे प्राणायाम में ज्यादातर हमें अपनी सासों के ऊपर ध्यान देकर अपनी शरीर की शुद्धि करनी होती है। इसको करने से हमारे शरीर में उर्जा उत्पन्न होती है। बाहर खाना न खाये, रोग का आभास होने पर तुरंत इलाज करे, शर्म की वजह से रोग को दबाये मत, अपने व्यस्त जिंदिगी में अपने स्वास्थ्य का ध्यान भी दे, और जितना हो सके योग अभ्यासों को करे। और अपने शरीर को रोग से बचाए आपका अच्छा स्वास्थ्य ही आपकी अच्छी जिंदगी है। इसलिए अपने स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान दे।

सेब के सिरके द्वारा घरेलू उपचार - सेब के सिरके का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है, यह ब्लड शुगर को बैलेंस रखता है जिससे इंसुलिन कम बनता है और हार्मोनल संतुलन भी बना रहता है। साथ ही साथ सेब के सिरके से वजन भी कम होता है। सेब के सिरके का इस्तेमाल सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में दो चम्मच सिरका मिलाकर रोजाना नियमित रूप से करे।

पुदीने की चाय द्वारा घरेलू उपचार- पुदीने की चाय एंटी-एंड्रोजन (Anti-androgen) का काम करती है। यह पीसीओएस में राहत देने में बहुत लाभकारी है। इसका इस्तेमाल करने के लिए पुदीने की पत्तियों को  उबाल ले और फिर उसे छानकर पिएं।

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