एक्यूप्रेशर (Acupressure) चिकित्सा बिन्दु या पॉइंट क्या है?

acupressure chikitsa kya hai in hindi

एक्यूप्रेशर (Acupressure) चिकित्सा का अर्थ क्या है? बिना दवाई खाये शरीर में उत्पन्न अलग - अलग रोगों को उनके अलग अलग बिन्दुओं पर 5 से 10 मिनट प्रतिदिन दबाते या मशाज करते रहना ही एक्यूप्रेशर चिकित्सा का अर्थ है। ज्यादातर एक्यूप्रेशर बिंदु हमारी हथेलियों और पैरों के तलवे में होते है अगर हम इन बिन्दुओं पर मालिश या दबाव डालते रहे तो जो बिंदु हमारे शरीर के जिस अंग से जोड़ी है उससे सम्बन्धित रोग या समस्या से हमें जल्दी राहत मिलती है।

एक्यूप्रेशर थेरेपी में बिंदु, पॉइंट का अभ्यास एवं विधि की जानकारी

acupressure bindu ya point ka prayog kaise kare in hindi

Thirld eye - यह बिंदु हमारी दोनों भौहें के बीच में होती है इसलिए इसे हमारी तीसरी आख भी कहते है इस एक्यूप्रेशर थेरेपी में बिंदु को प्रतिदिन सुबह 3 से 4 मिनट तक हर एक सेकेंड अपने हाथ की किसी एक अंगुलि से दबाये और छोड़े या मालिश करे। इस विधि को प्रतिदिन करने से हमारे दिमाग का हर एक अंग पहले से ज्यादा मजबूत और दिमाग के सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है। इस एक्यूप्रेशर थेरेपी की पहले अच्छी जानकारी लीजिये और उसके बाद इस विधि का प्रयास करें।

Sun point - यह हमारे आँखों के बगल वाले दो पॉइंट है जिनपे धीरे - धीरे मशाज करने पर हमें एक ऊर्जा महसूस होती है क्योंकि यह एक खास एक्यूप्रेशर पॉइंट है जो हमारी एकाग्रता को बढ़ाती है और हमारे दिमाग को तेज बनती है। इस विधि में एक्यूप्रेशर पॉइंट को 3 से 4 मिनट तक मसाज या दबाये और छोड़े फिर दबाये और छोड़े। सही जानकारी होने पर ही इस एक्यूप्रेसर थेरेपी की विधि को कीजिये।

Middle point of nose and lip - यह बिंदु हमारे नाक और होठ का मध्य पॉइंट है इसको प्रति सेकंड दबाने या मसाज करने से हमारी एकाग्रता और बुद्धि बढ़ती है और हमारी आलसीपन को दूर करके हमें हर समय ऊर्जावान बनाये रखती है इस विधि को हमें 3 से 4 मिनट तक करना है।

गॉलब्लैडर 20 (GB20) - यह बिंदु हमारे सर पीछे कान से हल्का बगल में गले में होता है इस एक्यूप्रेशर पॉइंट को प्रतिदिन प्रति सेकेंड दबाये और छोड़े ऐसा करते - करते इस विधि को 5 से 6 मिनट तक करे इस एक्यूप्रेशर बिंदु का अभ्यास प्रतिदिन सही जानकारी से करने से सरदर्द माइग्रेन आँखों की रोशनी कम होना थकान सुस्ती आदि समस्याओं से हमें राहत मिलती है।

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गॉलब्लाडर 21 (GB21) - यह एक्यूप्रेशर बिंदु हमारे कंधे के ऊपरी भाग में होता है इस बिंदु को हाथ के अंगूठे और बीच की अंगुलि से प्रेस या दबाते है यह एक्यूप्रेशर बिंदु हमारे मानसिक और शारीरिक तनाव, दाँत दर्द, कंधों का दर्द, गर्दन दर्द इत्यादि समस्याओं से हमें राहत या उपचार करने में हमारी सहायता करता है।

लार्ज इंटेस्टाइन 4 (LI4) - यह एक्यूप्रेशर बिंदु हमारे हाथ की चार अंगुलियों और अंगूठे के बीच के कोमल हिस्से में होता है इस एक्यूप्रेशर बिंदु का प्रतिदिन अभ्यास करके हमारे ऊपरी शरीर के जोड़ो का दर्द और माइग्रेन जैसे समस्याओं से राहत मिलती है।

पेरीकार्डियम 6 (P6) - यह एक्यूप्रेशर पॉइंट हमारी हथेली से ठीक चार इंच दूर हमारी कलाई में स्थित होती है इस एक्यूप्रेशर थेरेपी पॉइंट की विधि का प्रतिदिन अभ्यास करने से पेट खराब, मितली आना, अचानक घबरा जाना, मानसिक तनाव, चिंता में रहना आदि तरह की समस्याओं से राहत मिलती है।

लिवर 3 (LR3) - यह एक्यूप्रेशर पॉइंट हमारे पैरों के पंजों के ऊपर की तरफ हमारे अंगूठे और उसके साथ या बगल के उगली यानि दोनों के मध्य में स्थित होता है इस एक्यूप्रेशर पॉइंट की विधि का प्रतिदिन अभ्यास करने से कमर दर्द, ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारी, बदन दर्द, नींद से जुड़ी समस्या यानि कभी ज्यादा सोते रहना और कभी नींद का ना आना आदि समस्याओं से हमें राहत मिलती है।

स्प्लीन 6 (SP6) - यह एक्यूप्रेशर बिंदु हमारे पैर के तलवे के अंदरूनी हिस्से में एड़ी से हल्का ऊपर की तरफ स्थित होता है इस एक्यूप्रेशर बिंदु का प्रतिदिन अभ्यास करने पर महिलाओं के मूत्र और श्रोणि रोगों जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

सस्टमक 36 (ST36) - यह एक्यूप्रेसर बिंदु हमारे पाँव के घुटने से ठीक चार इंच नीचे में स्थित होता है इस एक्यूप्रेशर बिंदु की विधि का प्रतिदिन अभ्यास करने से असवाद, घुटनों के जोड़ो में दर्द, पेट के आंतो की समस्या, हेर समय थकान महसूस होना आदि जैसे समस्याओं से हमें राहत मिलती है।

Below thamb point - यह एक्यूप्रेशर बिंदु हमारी हाथ की हथेली के अंगूठे के नीचे मुलायम स्थान में स्थित होता है इस एक्यूप्रेशर बिंदु की विधि का प्रतिदिन अभ्यास करने से - बदन दर्द, रीढ़ की हड्डी का दर्द, पेट से सम्बन्धित कोई समस्या आदि समस्याओं में हमें राहत मिलती है।

एक्यूप्रेशर पॉइंट को कैसे ठीक से दबाते या मालिश करते है

1. एक्यूप्रेशर बिंदु को हल्क़े से दबाये या मालिश करते रहे।

2. जब हम एक्यूप्रेशर बिंदु का प्रयोग करते है तो किसी उचित स्थान में आँखें बंद कर अभ्यास करते रहें।

3. मालिश करते समय लम्बी गहरी साँस ले।

4. एक दिन में जितनी भी बार आराम मिले उतनी बार एक्यूप्रेशर बिंदु का प्रयोग करें।

5. हम स्वयं या किसी और की मदद से एक्यूप्रेशर बिंदु का अभ्यास कर या करवा सकते है।

एक्यूप्रेशर में पैरो और हाथो के पॉइंट दबाने से रोगो के उपचार

(1) कंधे, (2) फेफड़े, (3) पैंक्रियाज, (5) कान, (6) किडनी, (7) लीवर, (8) जुकाम, (9) जोड़ो का दर्द, (10) हृदय रोग, (11) सरदर्द या माइग्रेन, (12) ज्ञानेन्द्रियाँ, (13) गर्भाशय, (14) गला, (15) पित्ताशय, (16) थाइराइड, (18) मानसिक रोग, (19) पैराथाइरॉइड, (20) मेरुदण्ड, (21) आंते, (22) गुदा।

1. एक्यूप्रेशर बिन्दुओं का अभ्यास करके हम शारीरिक और मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहते है।

2. यह विधि का अभ्यास हमारे शरीर के जोड़ो की समस्याओं के लिए लाभकारी होता है।

3. चिंता, डिप्रेशन जैसे समस्याओं के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट बहुत फायदेमंद होती है।

4. गठिया से पीड़ित लोगों के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट का प्रतिदिन अभ्यास लाभकारी होता है।

5. एक्यूप्रेशर पॉइंट का अभ्यास हमारी एकाग्रता और मानसिक शक्तियों को बढ़ाती है।

6. एक्यूप्रेशर पॉइंट का अभ्यास करने से हमारा आलस दूर होता है और हम हर समय ऊर्जावान स्थिति में रहते है।

एक्यूप्रेसर चिकित्सा में इलाज ठीक से नहीं करने पर नुकसान?

1. एक्यूप्रेशर चिकित्सा में इलाज करते समय कभी गलत बिंदु दब जाता है जिससे हमें नुकसान हो सकती है।

2. एक्यूप्रेशर चिकित्सा में इलाज करते समय बिंदु में दबाव अधिक नहीं डालना चाहिए क्योंकि अधिक दबाव से उस जगह की नस नाड़ियों में सूजन या दर्द हो सकता है। जिससे हमें नुकसान हो सकता है।

3. गर्भावस्था महिलाओं को इलाज के समय सावधानी पूर्वक एक्यूप्रेशर बिंदु का अभ्यास करना चाहिए अन्यथा गलत बिंदु को दबाने से माँ और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है।

4. अगर कोई ज्यादा बीमार है और वह एक्यूप्रेशर पॉइंट का अभ्यास करना चाह रहा है तो वह व्यक्ति अभ्यास से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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