फिटनेस टिप्स गर्ल, वीमेन | अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या खाएं

fitness kya hai in hindi

फिटनेस (FITNESS) - एक पौधा अच्छा फलदार पेड़ तभी बन सकता है जब उसकी जड़े मजबूत हो, ठीक उसी प्रकार हम सब भी एक अच्छा जीवन चाहते है और अच्छे जीवन का आधार हमारा अच्छा स्वास्थ्य है। एक अच्छा स्वस्थ जीवन आजकल हर किसी को चाहिए, जब हम बीमार होते है तो न अच्छा खा पाते, न सो पाते, न किसी से मिल पाते और नहीं अपना कोई भी कार्य ढंग से कर पते है, अस्वस्थ शरीर हमें शक्तिहीन, लाचार बना देता है। तो आप सभी जान चुके है की हमारी प्रसन्नता, हमारी हिम्मत, हमारी कौशलता हमारे अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। जितना अच्छा स्वास्थ्य उतना सुखमय जीवन, इसलिए स्वयं को स्वस्थ रखना हमारा प्रथम कर्तव्य है।

अच्छे स्वास्थ्य (फिटनेस) के कारण | फिट रहने के उपाय इन हिंदी

acche swasthya ke karan in hindi

आहार - हम कुछ भी कार्य करते है, उसके लिए हमें आहार यानि भोजन की जरूरत होती है अपना हर कार्य करते है। अच्छे और निरोगी स्वस्थ शरीर के लिए हमें सात्विक भोजन करना अनिवार्य है।

सात्त्विक भोजन - सात्त्विक भोजन रसयुक्त, शुद्ध ताजा, गुण युक्त और जो आहार आसानी से पच जाये वह सात्त्विक आहार होता है। सात्त्विक आहार खाने से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा हर समय बनी रहती है जिससे हमारा शरीर हर समय ऊर्जा युक्त और फिट रहता है, देसी गेहूँ - अन्न, चावल, छिलका युक्त दाल, घी, दूध, छाछ, मीठे पके फल आदि सात्त्विक आहार है। इक श्लोक है, जैसा खाएंगे अन्न, वैसा बनेगा मन, जैसा पीवे पानी, वैसे बने वाणी। अथार्त हम जैसा भोजन ग्रहण करते है वैसी ऊर्जा हमें प्राप्त होती है, और सात्त्विक भोजन हमारे मन को हर समय शांत रखता है, और हमें भोजन को हर समय शांत मन से ग्रहण करना चाहिए इक अच्छे स्वास्थ शरीर के लिए हमारा अच्छा स्वास्थ्य अच्छा भोजन ही हमें हर समय ऊर्जावान और फिट रखता है।

कौन से आहार को नहीं खाना है - तामसिक और राजसी आहार को हमें धीरे -धीरे काम करना है, ये आहार अत्यधिक चटपटे, मसालेदार, गुण - हींन होते है। जो हमारे शरीर में अनके प्रकार के विकार उत्पन्न करते है। जिससे हमारा शरीर हर समय अस्वस्थ, तनाव रहित, क्रोध, में रहता है। महसूस किया होगा जब हम बहार का मसालेदार, चटपटा खाना खाते है तो कभी हमारा सर दर्द, पेट में जलन, पेट ख़राब, और हमारे शरीर के वजन में वृद्धि ये सब होने लगता है और हमारा शरीर हर समय अस्वस्थ रहता है।

निंद्रा का महत्व - हमारी हर दिन की दिनचर्या में हमें कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक कार्य करने पड़ते है। इन कार्यों को करने से हम मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से थक जाते है, इसलिए हमारे शरीर को आराम की जरूरत होती है और वो आराम हमें सोने से मिलता है। और ठीक से सो जाने पर हमारे दिनभर की थकान कम हो जाती है, और हमें अगली सुबह नयी उर्जा के रूप में पुनः प्राप्त होती है, औरहमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। कई लोग रात को देर से सोते है और सुबह देर से उठते है जिससे उनके शरीर को पूरी तरह आराम नहीं मिल पाती है, जिससे उन लोगों को उस दिन थकान महसूस और किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगता है। उनके शरीर में उनको कमजोरी महसूस होती है और पूरा दिनभर वः अस्वस्थ रहते है। इसलिये हमें इक अच्छे शारीरिक विश्राम के लिए रात को समय पर सोना चाहिए। जिससे हमारा शरीर हर समय स्वस्थ रहें।

पानी का महत्त्व - जैसा कि हम सभी को पता है जल हमारे शरीर के लिए कितना उपयोगी हे दिनभर में जितना हो सके उतना पानी पीये क्योंकि पानी पीने से हमारे शरीर में फैट की मात्रा कम होती है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहता है। रात को तांबे के बर्तन में जल भरकर रखिये और सुबह उठकर पियें, और रात में एक गिलास हल्के गुनगुने पानी हल्का नमक डालकर पानी पिए। नमक वाला पानी पीने से हमारे आंतरिक शरीर के रोग विकार सुबह मल - मूत्र में बहार निकल जाते है। जिससे हमारे फैट में भी कमी आती है।

हरी सब्जियों का महत्त्व – हरी सब्जियां हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है, हरी सब्जियों के सेवन से हमारी आंतरिक और बाह्य शरीर मजबूत और निखार युक्त रहता है। हरी सब्जियों के लगातार सेवन से हमारी भोजन पचाने की शक्ति में वृद्धि और हमारे वजन में कमी आती है। हरी सब्जियों में पानी की मात्रा पायी जाती है जो हमारे उपयोगी होती है। इन सब्जियों में प्रोटीन और पोषक तत्वों की अधिक मात्रा पाई जाती है। इनसे हमारे शरीर के कई रोग दूर होते है, जैसे हर्दय रोग, दिमागी रोग, पाचन सम्बन्धी रोग, त्वचा रोग, आदि रोग ठीक होते है। सब्जियों को नियमित रूप से लेने से हमें एक अच्छा स्वस्थ मिलता है।

फलों का महत्त्व – फलों का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हे, इनमें पोषक तत्वों कीमात्रा ज्यादा रूप में पाई जाती है, फलों में पानी भी मिश्रित रहता है जो हमारे मोटापे को बढ़ने से रोकता है। और इनमें प्रोटीन, विटामिन भरपूर मात्रा में पाये जाते है, जो हमारे शरीर को अंदर और बाहर दोनों जगह से मजबूत और फिट बनाए रखते है। और विटामिन हमारे शरीर में बाल, हमारी हड्डियों, हमारे त्वचा और हमारी आँखों इन सभी के लिए फायदेमन्द होता है और ऋतु के अनुसार फलों का प्रयोग करें।

योग द्वारा फिट कैसे रहे | अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या खाएं

योग इक सुखमय जीवन जीने का आनंद है, जब हमारे शारीरिक मानसिक और आत्मिक शक्तियों का धीरे - धीरे विकास होते अपनी चरम सीमा तक यानि जब हम समझदार हो जाते है तो वह व्यक्तित्व का पूरा विकास कहलाता है और इसे हम योग भी कह सकते है। मुझे जो जानता है, वो क्या जानते है, बुरा जानता है या भला जानता है, अगर कोई शख्स जानता है, वः मैं जानता हूँ या भगवान जानता है। में आपको ये समझाना चाहता हूँ कि अपने खुद बारे में हम सबकुछ जानते है फिर भी दूसरों के दिखाए रास्ते पर चलते है, जो वो करते वही करते है, क्योंकि आजकल योग कोई नहीं करना चाहता है सबको जिम जाना और अपने शरीर को इक दिखावटी शरीर बनाना है, योग हमारे आंतरिक और बाह्य शरीर को हमारे मन, मस्तिष्क, आत्मा सबको पूर्ण रूप शुद्ध करता है।

आसनों से फिट रहे - हमारे शरीर की कोई ऐसी स्थिति जिसमें हम सुखपूर्वक हो के ज्यादा समय तक रह सके। शवासन या मकरासन आसन हमारे शरीर, हमारे मन, मस्तिष्क को शान्त करते है, इन आसनों में शरीर को सीधा अथवा पेट के बल लेटा दिया जाता है। इन योग आसनों को करने से हमारे पुरे शरीर के सभी अंग - प्रत्यंग को आराम मिलता है और सभी नस - नाड़ियों में रक्त संचार आसानी से होने लगता है, जिससे साड़ी शरीर को ऊर्जा मिलती है और हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

धयानात्मक आसन - इन आसनों मैं कमर सीधी रखकर सुखपूर्वक बैठा जाता है ताकि एकाग्रता में विघ्न न आए, इनमें -सुखासन, पद्मासन, वज्रासन, आदि आसन आती है। हमारे शरीर में अधिकतर खून का भाग हमारे जंघाओं और शिराओं के बीच रहता है, जब हम इन आसनों में बैठकर किसी विषय पर अपना ध्यान केन्द्रित करते है तो मस्तिष्क की शिराओं में अधिक रक्त की आवश्यकता होती है, और वही उसे मिलने लगता है, जिससे ध्यान केंद्रित में बड़ी सुविधा होती है और हमारा मन और मस्तिष्क हर समय शांत रहता है।

>संवर्धनात्मक आसन - संवर्धन का अर्थ होता है पुष्ट करना, दृढं करना, भुजंगासन, सर्वांगासन, शलभासन, हनुमानासन, भूमिनमनासन, त्रिकोणासन, आदि आसन इस श्रेणी में आते है। इन आसनों को करने से हमारा शरीर रोगमुक्त होकर बल युक्त एवं दृढ़ होता है, इनको करने से हमारे मांसपेशिया लचीली और हमारे शरीर में रुके हुवे मल धीर - धीर बाहर निकलने लगते है और हमारे सभी अंग – प्रत्यंग रोगमुक्त होकर फिट लगती है।

अच्छे स्वास्थ्य के नियम | योग और अन्य व्यायाम में अंतर हिंदी

योगाभ्यास के लिए विशेष साधन नहीं चाहिए, जबकि अन्य व्यायामों के लिए खेल सामग्री, मैदान, खेलने वाले साथी, इन सबकी जरूरत होती है। योग क्रियाएँ हमारे आंतरिक शरीर कोस्वस्थ और क्रियाओं को करने का बाद हम पहले से ज्यादा चुस्त महसूस करते है। जबकि अन्य व्यायामों को करने के बाद हमें थकावट महसूस होती है और हमें आराम की जरूरत होती है। योग क्रियाओं से हमारा आंतरिक शरीर पुष्ट और शुद्ध होता है, जबकि अन्य व्यायामों से बाहरी शरीर बनता है परन्तु उनका धीर्गकालीन महत्त्व कम होता है। योग करने से हमारे शरीर के अनेक रोग दूर होते है और साथ ही हमारा शरीर हर समय ऊर्जावान और फिट रहता है, जिससे हम अपना हर कार्य सही ढंग से कर पाते है। योग में और भी बहुत क्रियायें है जिनसे हमारा शरीर रोग मुक्त और फिट रहता है, वो क्रियायें है ध्यान, षट्कर्म, प्राणायाम, ये सब भी योग क्रियाएं है जिनको करने से हमें इक अच्छे स्वास्थ्य मिल सकता है।

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