चिंता या तनाव क्या, क्यों और कैसे होता है? कारण और लक्षण

tanav ya chinta kya, kyon aur kaise hota hai in hindi

मानसिक तनाव और चिंता क्या है - यह एक ऐसी मानसिक और शारीरिक बीमारी है, जो आमतौर पर आजकल बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के लोगों में पायी जाती है। इन बीमारियों में हर समय मानसिक और शारीरिक तनाव बना रहता है, जल्दी से घबरा जाना, पसीना आना, हर समय ख्यालों में खोए रहना, अकेलापन महसूस करना, किसी छोटी बात पर बहुत चिंता करना, ये सभी इन रोगों के कारण ही होता है, तो आइये इन रोगों को सही से जाने और समझे।

मानसिक तनाव का अर्थ एवं मानसिक चिंता क्यों होता है इन हिंदी

मानसिक तनाव (depression)- मानसिक तनाव एक मानसिक रोग है। जब हम किसी व्यक्ति (माँ- बाप, हमारा प्यार, हमारे दोस्त, कोई भी हो सकता है) के बारे में हर समय सोचते रहते है, और जब वह व्यक्ति हमें छोड़कर जाता है, तो हमें बहुत दुःख होता है। जिसके कारण हम रोग के आदि हो जाते है, और हर समय मानसिक तनावों में उलझे रहते है। .....

मानसिक चिंता(anxiety)- चिंता का मतलब हम डर मान सकते है। जैसे हम कभी - कभी छोटी - छोटी बातों को लेकर घबरा जाते है। किसी काम को करने से पहले एक डर जैसा महसूस होता रहता है। कि क्या में वो काम कर पाऊँगा, क्या में इस काम के लिए सही हूँ, आज तो हो गया काम क्या में कल भी इस काम को कर पाऊँगा। ये सभी चिंताएँ हमारे मन में चलती रहती है।.....

मानसिक तनाव (depression) एवं मानसिक चिंता (anxiety) के लक्षण

mansik tanav ke lakshan in hindi

मानसिक तनाव (depression)के लक्षण - आजकल मानसिक तनाव वाली स्थिति खासकर अपने घर की आर्थिक स्थिति के कारण ज्यादातर लोग इस रोग की चपेट में आ रहे है, परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने पर परिवार में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक केलोगों में मानसिक तनाव रोग के लक्षण या परिणाम आमतौर पर होते है। मानसिक तनाव के दौरान हम एक ही टॉपिक (विषय ) के बारे में सोचते रहते, जैसे मेरे घर की आर्थिक स्थिति कब अच्छी होगी, और हर समय बस इसी सोच में खोए रहते है। इस सोच वाले अधिकतर लोगों में मानसिक तनाव के परिणाम या लक्षण होते है।

1. हर समय एक ही बात को लेकर सोचते रहना।
2. हर समय क्रोध या चिड़चिड़ेपन में रहना।
3. नये जहग पर जा के अपने को अकेलापन महसूस करना।
4. कभी नींद न आना और कभी सोते रहना।
5. स्वास्थ्य में कमजोरी महसूस होना।
6. हर समय सोचते रहने से आख या सर दर्द होना।
7. किसी से बात करने से पहले घबराहट महसूस करना।
8. किसी भी काम में मन नहीं लगना।

तनाव में परहेज -हर समय सोचते रहने वाले व्यक्तियों को अपने को दिनभर में जितना हो सके उतना किसी न किसी काम में व्यस्त या उलझे रहे ताकि आपको एक ही विषय पर ज्यादा सोचने का समय ही न मिले और आप तनाव के शुरुआती परिणाम या लक्षणों से बचे रहें।

chinta (Anxiety) ke lakshan in hindi

मानसिक चिंता (anxiety) के लक्षण - इस रोग की स्थिति में हम अपने वर्तमान और भविष्य के कामों या बातों के लेकर हर समय चिंता में रहते है, और जब वह चिंता पूरी हो जाती है तो दूसरी चिंता में उलझे रहते है। यह चिंता रोग के लक्षण और परिणाम आमतौर पर आजकल हर किसी लोगों में होती है, हम हर समय किसी न किसी बात को लेकर चिंता में रहते है। यह इसी रोग के लक्षण है।

1. अपने जॉब को लेकर हर समय चिंता में रहना।
2. घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के बारे में चिंतित रहना।
3. अच्छी नौकरी मिलने पर अपने माता- पिता को खुश की रखने चिंता में रहना।
4. अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करने की चिंता।
5. जॉब में इंटरव्यू की चिंता।
6. नींद नहीं आना।
7. कभी ज्यादा उत्तेजित हो जाना।
8. स्कूल या कॉलेज में एग्जाम की चिंता।

चिंता परहेज में परहेज - जब चिंता के शुरुआती लक्षण होते है तो तभी परहेज कर लेना अच्छा रहता है क्योकि समय पर परहेज करने से रोग हमारे लिए ज्यादा नुकसान नहीं देगा इसलिए समय पर परहेज करे और आवश्यकता से ज्यादा किसी विषय पर ज्यादा न सोचे या  न चिंता करें। हमें कोई भी रोग या समस्या हो उसमे सबसे पहले उपचार हमारा परहेज ही होता है जिससे हम किसी भी रोग के ज्यादा हावी होने से पहले उस रोग में परहेज करने से ठीक हो सकते है।

मानसिक तनाव (depression) एवं चिंता (anxiety) के कारण इन हिंदी

मानसिक तनाव (depression)के कारण - मानसिक तनाव एक ऐसा रोग है जो हमें बचपन से लेकर बुढ़ापे तक होता रहता है। बचपन में हम शारीरिक रूप से मानसिक तनाव में होते जैसे किसी चीज की ज़िद पर लेकर मानसिक तनाव में रहना और बुढ़ापे में मानसिक रूप से मानसिक तनाव में रहते है, जैसे घर की आर्थिक स्थिति, नौकरी न मिलने, ये सभी मानसिक तनाव के कारण है।

1. समय पर खाना नहीं खाना।
2. प्यार में धोखा मिलने पर नशे का सेवन करना।
3. हर समय सोचते रहना।
4. अकेले रहना पसन्द करना।
5. किसी छोटी बात पर गुसा करना।
6. घर की परिस्थिति को लेकर।
7. सबसे खास दोस्त से लड़ाई या धोखा मिलने पर।
8. अपने काम से खुश नहीं है फिर भी करते रहते है इसके कारण मानसिक तनाव में रहना।

चिंता (anxiety) के कारण - हम जब कभी भी किसी बात या काम को लेकर ज्यादा चिंता में रहते है, और तब तक चिंता करते है जब तक वो चिंता पूरी नहीं हो जाती, जैसे बच्चों का स्कूल से घर आने की चिंता, अपने नौकरी के इंटरविऊ, आर्मी वाले परिवार वालो को अपने बेटे या पति की चिंता, यह सभी चिंता के कारण है।

1. बच्चों के स्कूल से घर आने की चिंता।
2. एक अच्छी नौकरी मिलेगी या नहीं मिलेगी उसकी चिंता।
3. बार- बार बीमार होना।
4. अल्कोहल और धूम्रपान का ज्यादा सेवन करना।
5. घर की आर्थिक स्थिति सुधारने।
6. अपने लक्ष्य को पूरा करने की चाहत।

मानसिक तनाव एवं चिंता के लिए योग, एक्सरसाइज, व्यायाम से उपाय

mansik tanav door karne ke liye yog in hindi

1. मानसिक तनाव के लिए योग से उपाय -

1. अकेलापन - अकेले न रहे अपने को हर समय व्यस्त रखे जिससे आप एक ही विषय पर ज्यादा देर तक नहीं सोचोगे, और आप मानसिक तनाव की स्थिति में जाने से बच सकते है।

2. मन की ख़ुशी - आपको जो करने में ख़ुशी मिलती है वह काम में अपना ध्यान लगाये। जैसे गाने सुनना, मूवी देखना, डांस करना, किताब पढ़ना, कहीं घूमने जाना, किसी के साथ अच्छी बाते करना, अपने से बड़ो की मदद करना। इन सभी से आपको ख़ुशी मिलेगी और आप मानसिक तनाव रोग से मुक्त भी हो जाओगे।

3. अच्छा भोजन और अच्छी नींद - सभी पोषक तत्वों युक्त वाला भोजन को खाये और रात को जितनी जल्दी हो सके सो जाये, जिससे आपके शरीर को अच्छा विश्राम मिले। कम से कम आठ घंटे की नींद पूरी करें।

4. क्रोध पर नियंत्रण -क्रोध पर नियंत्रण रखें, जब आपको गुस्सा आता है उस समय उस गजह से चले जाये और किसी सन्ति वाली गजह पर जाकर लंबी गहरी सांस ले, फिर उस विषय पर सोचे और फिर निर्णय लीजिये।

5. योग अभ्यास और क्रियायें प्रतिदिन करे - योग हमारे जीवन का इक सुखमय आनंद है। योग क्रियाओं का प्रतिदिन अभ्यास करने से हमारा आंतरिक और बाह्य शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है प्रतिदिन सुबह उठकर मेडिटेशन करे यह हमारे मन और मस्तिष्क को शांत करता है। और साथ की ब्रीथिंग एक्सरसाइज करे, जैसे अनुलोम- विलोम, कपाल भाती, नाड़ी शोधन प्राणायाम, और साथ ही षट्कर्म में कुंजल, नोली, जल नेति, यह सभी योग क्रियायें या अभ्यास हमारे मानसिक और शारीरिक शरीर को स्वस्थ बनाए रखते है।

6. डॉक्टर से इलाज एवं सलाह ले - किसी मनोरोग चिकित्सक वाले डॉक्टर के पास जाये और इलाज करवाए। डॉक्टर की दवाई असरदार हो तो उसे कुछ समय तक लगातार रखे, फिर धीरे - धीरे दवाओं को कम करे और डॉक्टर के बताये बातों पर ध्यान दे और अपने में सुधार करें।

2. चिंता के लिए योग से उपाय -

chinta ko door karne ke liye yog in hindi

1. पौष्टिक आहार - पौष्टिक आहार का सेवन करें जैसे हरी सब्जियां, प्रोटीन युक्त दाल, ग्रीन टी, विटामिन्स वाले फल ये सभी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी भोज्य पदार्थ है और साथ ही अधिक तेल युक्त, मसालेदार, चटपटा, जंक फूड वाले भोज्य पदार्थों को नहीं खाये, ये भोज्य पदार्थ गुणहीन और जल्दी से पचते नहीं है, जो हमारे शरीर में जल्दी से पचते नहीं है और हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है। चिंता डिसऑर्डर में केवल सुध गुणहीन भोज्य पदार्थों को खाएं और स्वस्थ रहें।

2. संगीत सुने और घूमने जाये - आजकल के समय पर बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के लोगों को गाने सुनना और नई जगह पर घूमना पसंद है, तो चिंता डिसऑर्डर के दौरान अपने अपने मनपंद गाने सुने और मनपंद जगह पर जाये जिससे आपका मन और शरीर खुश रहेंगे। और आपका शरीर स्वस्थ रहेगा

3. योग और व्यायाम प्रतिदिन करे - योग हमारे जीवन का एक सुखमय तरीके से जीने का आनंद है। हर दिन एक घंटा योग और व्यायाम का अभ्यास जरूर करें। योग हमारे आंतरिक और बाह्य शरीर को ऊर्जावान बनता है। प्रतिदिन प्रातःकाल मैडिटेशन करे यह हमारे मन, मस्तिष्क और शरीर को हर समय शांत बनाए रखता है। जिसके कारण हम हर समय सकारात्मक ऊर्जा और खुश रहते है।

4. डॉक्टर की सलाह और इलाज (मनोचिकित्सक) - मनोचिकित्सक वाले डॉक्टर के पास जाये और सलाह ले। क्योंकि जब रोग के शुरुआती दौर में डॉक्टर से ले गई दवाएं और सलाह हमारे लिए फायदेमंद हो सकती है। एक- दो सप्ताह तक दवा खाएं और सही होने पर दवाइयों का प्रयोग करना कम कर दें। और अपने शरीर को स्वस्थ रखें।

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